द्रुतिविलम्बित छंद

द्रुतिविलम्बित छंद
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यह एक वर्णिक छंद होता है जिसका आधार वर्ण होते हैं। यह चार चरण का एक छंद होता है तथा दो-दो चरण समतुकांत होना जरूरी है। प्रति चरण में 12 वर्ण होते हैं जो नगण-भगण-भगण-रगण की मापनी पर आधारित होते हैं 
(111-211-211-212) 
उदाहरण -
नमन शारद ज्ञान प्रकाशिनी।
हृदय संकट मात विनाशिनी।।
तमस कीचक दुःख विदारिणी।
मधुर भाव विराग सँवारिणी।।

भ्रमर भाव विहंग सदा उड़े।
विटप मौन सुवास रचे बढ़े।।
रुचिर गन्ध विराट बहे सदा।
मनन मंथन सार यदाकदा।।

सतत श्री कर शोभित कामदा।
हरण हो सब आतिश आपदा।।
शरण में रख मात सुवासिनी।
महक दे मन को सु-प्रभासिनी।।
★★★★★★★★★★★★
मदन मोहन शर्मा 'सजल'
कोटा (राजस्थान)

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